तिरंगा फहरायेंगे
तिरंगा फहरायेंगे


मेरी ये धरती मुझको जान से ज्यादा प्यारी है
इसकी मिट्टी में बसती देखो जान हमारी है
इसकी ख़ातिर हम अपना खून हमेशा बहायेंगे
जितने होंगे देश विरोधी सबको मार गिराएंगे
मेरे जवान मेरी शान
हमको पाले प्यारे किसान
सबको सबका मान दिलाएंगे
आज है शुभ दिन आया
तिरंगा हम फहराएंगे।
भगत आज़ाद की धरती ये वीरों से न खाली है
सबको साथ मिलाके चले ये नीति हमारी है
इंक़लाब की आवाज़ हम हर बार उठाएंगे
जब जब आये इसपे मुसीबत भगत सिंह बन जायेंगे
पूरी दुनिया मे जाके इसका मान बढ़ाएंगे
गीता वेद क़ुरान की वाणी सबको समझायेंगे
अपनी सभ्यता अपनी संस्कृति हम फैलाएंगे
हिंदी है मेरी माँ उर्दू मासी को भी बढाएंगे
आया है शुभ दिन आज
हम तिरंगा फहरायेंगे!