स्वयंसेवक की पहचान
स्वयंसेवक की पहचान
मन में है आशा
दिल में है जोश;
कर्म में है विश्वास
इरादा है नेक।।
समाजसेवा के लिए सदा है तैयार
यही है स्वयंसेवक का विचार
समाज सेवा के लिए खुद को करता है समर्पित;
जागरूकता लाता है समाज में, कर जाता है अनेक सामाजिक
कल्याण कार्य।।
समाज सेवा के पथ में बढ़ता हरदम
रखता है देश का मान, स्वयंसेवक का यही है अरमान।।
राष्ट्रीय एकता शिविर का आयोजन
सांप्रदायिक सद्भावना का नियोजन।
विविधता में एकता, भारत की विशेषता
कार्य आचरण से दुनिया को बतलाना;
दिखाता है सही राह में चलने की दिशा
यही है स्वयंसेवक की परिभाषा।
भेदभाव न रखता, न ही रखने देता
आपादकाल में सब की सेवा है करता;
“मैं नहीं आप” है इसका नारा
इस नारे पर चलकर पूरा करता है अभियान
यही है स्वयंसेवक की पहचान।।
