स्वर्णिम आभा
स्वर्णिम आभा
नया सूरज नित उगता है
स्वर्णिम किरणें जग को देता
खिली धूप से पौधों को
नया जीवन मिलता है
पीत वर्ण की हल्दी से
वर, वधु का नया रूप खिलता है
घर के आंगन में शुभ मंगल होता है
लहराती पीली सरसों के खेतों से
किसान को संबल मिलता है
जीवन में रंगों का मोल
है बहुत ही अनमोल