सूरज तेरा मुक्कदर होगा
सूरज तेरा मुक्कदर होगा
रज़ा तुझे लेने की जरूरत नहीं आसमान की ऊंचाइयों को छूने की
बस हौसले के पंख बुलंद कर , सूरज तेरा मुकद्दर होगा,
यूँ न बैठ उन पंछिओं को उड़ते हुए, जब की तेरी
तकदीर सितारों में लिखी हो
मक़ामों को हासिल करना आदत बन जाएगी,
बस सिर्फ देर हैं ज़ोर आज़माने की
दुनिया से राजामंदी की क्या ज़रूरत तुझे
क्यों फ़िक्र है ज़माने की ?
रज़ा तुझे लेने जरूररत नहीं।
