फिर ऊँची उड़ान की चाहत सीने में लिये किसी ऊंचाई से गिरने का मन कर गया! फिर ऊँची उड़ान की चाहत सीने में लिये किसी ऊंचाई से गिरने का मन कर गया!
दुनिया से राजामंदी की क्या ज़रूरत तुझे क्यों फ़िक्र है ज़माने की दुनिया से राजामंदी की क्या ज़रूरत तुझे क्यों फ़िक्र है ज़माने की