STORYMIRROR

राम शरण सेठ

Abstract Fantasy

4  

राम शरण सेठ

Abstract Fantasy

सुप्रभात: सुंदर

सुप्रभात: सुंदर

1 min
368

प्रभात सुंदर हो जाए

हम सब का जीवन सफल हो जाए।।

पक्षी चिड़ियों को कूजने लगे

हम सब स्वयं को खोजने लगे।।

शुरुआत होती है हमारी और तुम्हारी

एक नए संघर्ष के लिए कहानी।।

एक नई ऊर्जा नया संकल्प लेता है दिन

सुप्रभात से जिसका शुरू होता है दिन।।

दिन भर के काम काजों

का लेखा-जोखा होता है ।।

जो कुछ तेरे तो कुछ मेरे पास होता है

यह सभी के साथ होता है।।

प्रकृति और मानव का यह सुंदर स्वप्न

हर दिन एक नए दिन की शुरुआत करता है।।

अमीर हो या गरीब या हो कंजूस या धनी

सभी के लिए यह एक समान होता है।।

ओस की बूंदें पौधों पर पड़ रही होती है

मानो मोतियों से श्रृंगार कर रही होती हैं।।

आज कुछ तुम इस प्रकृति की सुंदरता में हो जाओ

 कुछ अपने लिए तो कुछ हमारे लिए अच्छा कर जाओ।।

पौधों का मोतियों से श्रृंगार

हम सभी को इस शरीर की सुंदरता का श्रृंगार बताती है।।

सुंदरता और और सुंदरता लगी रहती है

हमें कुछ नए कार्य करने को उत्प्रेरण का काम करती है।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract