सुकून..
सुकून..
आधी नींद का ख्वाब तुम..
दिनभर का खयाल हो..
बस् एक मनगढ़ंत कहानी..
या छुपाके रखा कोई राज़ हो..
सारे सवालों के जवाब..
हरेक रास्ते की मंजिल हो..
मेरे धड़कनो की गुंज...
या खामोशी की महफिल हो..
में हूँ ..तो तुम से हूँ ...
मै नहीं.. तो तुम में हूँ ..
सिर्फ मेरी आस..या कोई जुनून हो...
शायद और कुछ नहीं..
मेरे मन का सुकून हो...

