STORYMIRROR

सुबह की दस्तक

सुबह की दस्तक

1 min
14.2K


दूर सुबह की,

लालिमा जाने लगी,

पंछियों के कलरव से,

वातावरण सुमधुर हो चला।


सूरज की पहली किरण ने,

धरती का स्पर्श किया,

सुनहरी धूप ने समस्त,

धरा पर पाँव पसारे।


ओस में नहाई हुई,

दूर्वा ने धीरे से आँखें खोली,

सुनहरा समय आ गया।


नींद से जागने का और,

चिर-प्रतीक्षित स्वप्नों,

को पूरा करने का,

क्योंकि सुबह ने दस्तक दी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama