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SATISH GUPTA

Romance

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SATISH GUPTA

Romance

सतीश कुमार

सतीश कुमार

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पापा मेरी नन्ही दुनिया,

तुमसे मिल कर पली-बढ़ी

तुमने ही तो सिखलाया था,

ये संसार तो छोटा है


कोई न हो जब साथ में तेरे,

तू बिल्कुल एकाकी है

पीछे हटना, डरना-झुकना,

तेरे लिए है नहीं बना


तुझको तो सूरज से आगे,

एक रस्ते पर जाना है

आज तो पापा मंजिल भी है,

दम भी है परवाजों में


सांझ की मेरी सैर में हम-तुम,

साथ में मिल कर गाते थे।


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