स्पर्श की अनूठी भाषा
स्पर्श की अनूठी भाषा
स्पर्श की भाषा बड़ी अनूठी ।
बिन बोले ही सब कुछ बता दे वह अपनी बात अनूठी।
बच्चों के जन्म के साथ उसको हो जाता है स्पर्श का ज्ञान।
मां की स्पर्श के साथ उसका हो जाता है संधान।
कई तरह के होते स्पर्श कहते अपनी भाषा बिना बोले।
मां-बाप का स्नेह भरा स्पर्श।
बड़ों का आशीर्वाद भरा स्पर्श।
परेशान को तसल्ली भर स्पर्श।
डॉक्टर का मरीज को तसल्ली देने वाला स्पर्श।
बाप का बेटा बेटी के सिर पर यह भरोसा देता हूवा स्पर्श कि मैं हूं ना तुमको कुछ नहीं होगा।
स्पर्श की भाषा बहुत कुछ कह जाती है।
प्रियतम का प्यार भरा स्पर्श उसके प्यार को बयां कर जाता है।
वहीं किसी का गलत इरादे से किया स्पर्श बहुत कुछ कह जाता है और सावधान कर जाता है।
ऐसी अनूठी है यह स्पर्श की भाषा।
जो बिन बोले ही दूसरे के दिल को स्पर्श कर जाती है।
और बहुत कुछ कह जाती है।
कभी किसी को जादू की झप्पी देकर तो देखो क्या कमाल होता है उस झप्पी के स्पर्श में क्या अंनूठा आनंद प्राप्त होता है।
नाम छोटा सा मगर अलग-अलग तरह से उसके होते काम।
कितनी प्यारी कितनी अनूठी भाषा है यह स्पर्श की जो कर जाती है अनेक काम।
दादी मां को पीछे से आकर गले लगाने वाले पोते/पोती के लिये आशीर्वाद की झड़ी उनके लिए निकलती है।
वह स्पर्श की झप्पी जादू की झप्पी बन उनके मुंह पर खुशी दे जाती है उस स्पर्श की भाषा का क्या मोल है वह अनमोल है।
ऐसी अनोखी भाषा है स्पर्श की भाषा।