सपनों के साथ सैर
सपनों के साथ सैर
सपनो के शहर में अनगिनत खयालों के मुसाफिर रहते हैं
किसी के चंचल मन में दुनिया में काबिल बनने के शौक होते हैं।
कोई आसमानों का शिखर चाहता है तो
कोई समंदर की गहराइयों को नापना चाहता है
कोई बादलों से खेलना चाहता है
तो कोई अंतरिक्ष यात्री बनना चाहता है।
न जाने इस मन में कब कोनसा खयाल आ जाए
यह तो सपनो का शहर ही बता सकता है।
सपनो के शहर में तो हर व्यक्ति स्वयं सजाया
हुआ सुंदर जहां देखता है
मगर मेहनत और लगन से कुछ ही उसे हकीकत बना पाते हैं।
जिंदगी की शकल मैं निकले है हम सभी एक
अंजान सफर पर
रास्ते में है मुश्किलें पर हौसलों से भरी है उम्मीदें ।
तुम मेहनत तो करो ,सपनो का सफर तो तय करो
तुम्हारी कामयाबी का शोर हर तरफ गूंजेगा
अपने सपनो का पूरा होता हुआ चमकीला आसमान अवश्य मिलेगा ।