सपने
सपने
सपना ऐश और आराम नहीं,
वह एक उम्मीद है,
जो दिल की एक नुमाइश है
लफ्जों की आज्माइश है
सांसों में वह बसता है
आंखों में वह सजता है
नींद से वो लड़ता है,
गिरने से वह नहीं डरता है
हर वक्त में अपना हक रखता है
दूसरों से नहीं जलता हैं,
तानों से नहीं रुकता हैं,
रास्ते का पता नहीं,
फिर भी मुड़ने का सवाल नहीं,
हारने का सितम सही,
मगर कोशिश न करने का गम नहीं,
यह है अलबेली सपनों की कहानी,
कुछ मेरे नजरों की जुबानी।
