सपने
सपने
सर्द हवा का झोंका, छू जाता है
और अचानक उठा देता है
मीठे सपनों से
जो बुने थे हमने, साथ साथ
रात भर लेटे-लेटे
सुबह दिला देती है
फिर अकेलेपन का एहसास
सर्द हवा का झोंका, ले जाता है
तुम्हारे सपनों से दूर, बहुत दूर...
जहां फिर सघन होने लगता है
अकेले होने का एहसास
और मैं अपने सपने समेटे
मन के किसी कोने में
सिमट उठती हूं
सर्द हवा का झोंका छू जाता है।।