सपने तुम्हारे पूरे कैसे होंगे|
सपने तुम्हारे पूरे कैसे होंगे|
अगर बिस्तर से तुम्हें लगाव है इतना
तो सपने तुम्हारे पूरे कैसे होंगे।
चल उठ, अपने मन को मजबूत बना
ओर निकल जा घर से
अपने सपने को पूरा करने।
याद आएगा तुझे तेरा घर और परिवार
याद आएगा तुझे सब कुछ
मां की ममता, पापा का प्यार
बड़े ओर छोटे बहन-भाई की नोक-झोंक ।
यूँ ही नहीं पूरे होते सपने तुम्हारे
रातों के रातों तक जागना पड़ता है
बहुत चुनौतियाँ आएगी तुम्हारे रास्ते में
तुझे जीत कर दिखाना है
तू लोगों की मत सुन
लोगों का क्या है
लोग तो बोलते रहेंगे
तुझे अपने सपने पूरे करने है
तो सूरज की तरह तपना तो पड़ेगा ही
आखिर सपने तुम्हारे है
तो पूरा भी तुम्हें ही करना पड़ेगा
चल उठ, तुझे अपने सपने पूरे करने है।
