हम तो बस घर से यूँ ही निकले थे
हम तो बस घर से यूँ ही निकले थे
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हमे भी कहाँ मालूम था
ये जिंदगी का रास्ता
हम तो यू ही चलते रहे
लोग मिलते गए
ओर वक्त यूँ ही चलता रहा
अच्छे ओर बुरे कर्म
वाले लोग मिलते गए
बस हम तो घर से
यूँ ही निकले थे ओर
लोगो ने हमे कुछ बना दिया
किसी ने शराबी बना दिया,
तो किसीने आशिक बना दिया
इस अजीब सी दुनिया में
हम बस युही घूमने आये थे
लेकिन वक़्त ने हमे अपना गुलाम बना दिया
फिर क्या हुआ
हम तो यूँ ही मर गए
दो दिन लोग रोये
चार दिन घरवाले रोये
फिर दुनिया यू ही चलती रही
हमे भी कहाँ मालूम था
ये जिंदगी का रास्ता|
