सफर
सफर
अनजाना सफर अच्छा होता,
साथ में जब जीवन साथी हो।
आराम से कट जाते है रस्ते,
सफर कितनी भी मुश्किल हो।
जीवन में सच्चा मित्र मिले,
सत्पथ को दिखलाता है।
जीवन के अनजाने सफर में,
सदैव ही साथ निभाता है।
साहित्य सृजन की यात्रा में,
अनुभव से निपुण हम होते हैं।
मुजलिमों की व्यथा सदा,
शब्दों में हम लिख देते हैं।
जीवन के अनजाने सफर में,
सुख दुःख दोनों आते हैं।
सूझ बूझ कर हँस हँस कर,
हम सदैव उन्हें बिताते हैं।
जीवन में कभी ग़म आते हैं,
हम ख़ुशी कभी मनाते हैं।
जीवन को महसूस करे,
सुख दुःख तो आते जाते हैं।
बचपन से लेकर बुढ़ापे तक,
अनजाने सफर में हम रहते हैं।
बेटा बनके हम गोद में खेले,
पिता कभी हम बनते हैं।
