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Vijay Gupta

Inspirational

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Vijay Gupta

Inspirational

सफर ज़िन्दगी का

सफर ज़िन्दगी का

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सफर ज़िन्दगी का यूं ही नहीं आसान,

कदम-कदम पर मुश्किलों से भरे रास्ते मिलेंगे,

आज डट कर करले तू सामना इन मुश्किलों से,

नहीं तो कल इन्ही रास्तों में काटे मिलेंगे !


ज़िन्दगी यूं हि इतनी आसान होती,

तो फिर ग़मों से दोस्ती कर उनकी तन्हाई कौन दूर करता,

कल का क्या पता कहाँ होगा तू,

आज का पता है तो आज हि में क्यों नहीं जी लिया करता !  


क्या हुआ क्या नहीं हुआ,

तेरा क्यों बस नहीं था उन पर ये मत सोच,

समझा ले अपने इस पागल मन को,

यादों से निकल जाए और आगे का सोच !


अब ये मान ले की इस ज़िन्दगी में अकेला है तू,

किसी के सहारे जिना मत सीख,

वो कल कुछ और था और आगे कुछ और होगा,

इन उलझनों से निकलना सीख !


कुछ चीजों पर नहीं होता बस किसी का,

ना चाहते हुए भी वह हो जातीं हैं,

अक्सर इन्ही चीज़ो से दूर भागते हैं,

पर यही चीज़ें आगे भड़ने की हिम्मत दे जाती हैं !


तेरा अंदर अभी भी वो जज़्बा है,

अपनी हिम्मत को यूं ही ना मिटने दे,

आज बस जगा उस अंदर के इंसान को,

यूँ ही अब परेशानियों से खुद को न मिटने दे !


लोगो की भीड़ में खो जाने के बाद,

आज खुद को शायद भूल गया है तू,

आजा आज लगा ले फिर से गले उन चीज़ों को,

जिन चीज़ों से रूठ गया है !


देख जरा उस खुले आसमां को, बेखौफ उड़ते

उस पंछी को और चमक उन सितारों की तू,

तू भी उनमे से एक है ये मान ले अब, कल तू भी

रौशनी बन सकता है उन सितारों की ये जान ले तू !


सफर ज़िन्दगी का यूं ही नहीं आसान,

कदम-कदम पर मुश्किलों से भरे रास्ते मिलेंगे,

आज डट कर करले तू सामना इन मुश्किलों से,

नहीं तो कल इन्ही रास्तों में काटे मिलेंगे !


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