सोच .....
सोच .....
अच्छी सोच तो समाज मे बहोत थोड़ी है ,
इस बुरी सोच ने ही असमानता की जंग छेडी है !
समाज मे सबकी एक दूसरे से असमानता की लड़ाई है ,
बुरी सोच ने ही तो असमानता बढाई है !
इंसान ने अपने सोच से समाज बनाया है ,
उसी समाज ने इंसान के पैरो मे बुरी सोच का ताला लगाया है !
इस ताले की बेड़ियों की चाबी तो बुरी सोच है ,
अच्छाइयों मे भी बुराइयाँ निकालना, इन बुरी सोच वालो की खोज है !
बुरी सोच वालो , सबके बारे मे जरा अच्छा सोचो ,
दूसरों की बुराइयाँ नही ,अपनी अच्छाइयाॅ खोजो !
