संकल्प
संकल्प
ये जो आग है इसे बुझने ना देना,
ये संकल्प जो आज इसे टूटने ना देना l
हम सवा अरब है ये हमारी ताकत है,
कौन हमें आँख दिखाए किसमे भला हिमाकत है l
हमारे देश प्रेम पे पूरी दुनिया कायल है,
चीन हमारे राष्ट्रीयता से ही घायल है l
'चीन की दादागिरी' अब ये बात हुई पुरानी है,
चीन कों उसके भाषा मे जवाब देने को हमने ठानी है l
एक स्वर के बंधन में भारत बंध रहा है,
चीनी ख़ेमा उखड़ रहा हैं और सामान बंध रहा है l
ये क्रांति सिर्फ चीन का बहिष्कार नहीं है,
ये संकल्प नये भारत के अविष्कार का है।