संभालो पर्यावरण
संभालो पर्यावरण
संभालो पर्यावरण ,ना तुम प्रदूषण फैलाओं।
अपना और अपनों का यह जीवन बचाओं।
मिल कर बचाएं वृक्ष ,धरती, हवा और पानी को,
ज़रूरत है इस की हर जीव-जंतु और प्राणी को।
आनंद ले कुदरत का, ना करो खिलवाड़ कोई,
इस के आगे तो दोस्तों साइंस भी है फेल हुई।
बच्चे भी तरसेंगे देखने को, कौवा और चिड़िया को,
क्या दे कर जाओगे आने वाली नवीं पीढ़ी को।
इज्ज़त करो कुदरत की और अनमोल बातों की,
नहीं तो सुनते रहेंगे कहानी जंगली रातों की।
कितने ही सुंदर पहाड़, तालाब और झरने हैं,
मिट गए फिर ना यह किसी से भी बनने हैं।
मनदीप साफ़-सुथरा रखो आपने आस-पास को,
दीजिए मान-सतिकार हमेशा आपने मां-बाप को।