समय का पहिया
समय का पहिया
रेत के घरौंदे चमक रहे सोने से
डह गए तेज़ आंधी के बहाव से
समय का पहिया एक नहीं रहता
आज राजा तो कल रंक कर देता
हार मान चुप हो मत जाना बैठ
अंधेरी रात बाद चमकता है सूरज
याद रख! समय का पहिया
फिर बदलेगा वक्त एक सा नहीं रहता।
