Muhammad Asif Ali
Inspirational Others
सलीक़े से हवाओं में जो ख़ुशबू घोल सकते हैं
अभी कुछ लोग बाक़ी हैं जो उर्दू बोल सकते हैं।
सलीक़े से हवा...
ख़्वाब
अपनी क़िस्मत ...
भूल गए हम लहू...
देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा दान। देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा द...
सफलता की एक ऐसी कहानी ये, जिसने बदला नज़रिया। सफलता की एक ऐसी कहानी ये, जिसने बदला नज़रिया।
वस्त्र शरीर का आवरण, व्यवहार है मन की पूंजी, वस्त्र शरीर का आवरण, व्यवहार है मन की पूंजी,
अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी बोल रही मिट्टी राजस्थानी अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी बोल रही मिट्टी राजस्थानी
चाह नहीं मैं किसी महल की , कोई चोटी या कंगूरा हूँ. चाह नहीं मैं किसी महल की , कोई चोटी या कंगूरा हूँ.
इंद्रधनुष देखकर मेरे मन में सदा, एक ही ख्याल आता है! इंद्रधनुष देखकर मेरे मन में सदा, एक ही ख्याल आता है!
पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम. पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम.
उसकी फ़ितरत इंसानों से अलग है, वो आख़िरी साँस तक साथ निभाऐगी।हाँ सच ही तो, याद ही तो मेरी जागीर है।.... उसकी फ़ितरत इंसानों से अलग है, वो आख़िरी साँस तक साथ निभाऐगी।हाँ सच ही तो, याद ह...
हॉं हॉं डर मत, मार छलॉंग, जरा जोर से रख अपनी मॉंग। हॉं हॉं डर मत, मार छलॉंग, जरा जोर से रख अपनी मॉंग।
मैं हूँ कवि , हैं काव्यमय मन-प्राण मेरे । तुम मुझे कोई नई सरगम सुना दो। मैं हूँ कवि , हैं काव्यमय मन-प्राण मेरे । तुम मुझे कोई नई सरगम सुना दो।
सच्चा ज्ञान ही इस दुनिया में असली पावर होता है। सच्चा ज्ञान ही इस दुनिया में असली पावर होता है।
तुझसे ही तो प्रेरणा पाता है समाज, ज़िंदा है ज़िन्दगी, हे मज़दूर महान। तुझसे ही तो प्रेरणा पाता है समाज, ज़िंदा है ज़िन्दगी, हे मज़दूर महान।
माँ बाप के बिगड़े बच्चे, संस्कारों को भूलते बच्चे, क्या लड़का, क्या लड़कियां, क्या नौजवान माँ बाप के बिगड़े बच्चे, संस्कारों को भूलते बच्चे, क्या लड़का, क्या लड़कियां, क...
अहिल्याबाई का सुदृढ़ व्यक्तित्व, उनकी जीवन गाथा। अहिल्याबाई का सुदृढ़ व्यक्तित्व, उनकी जीवन गाथा।
बैर और नफरत की दीवार को, मिलकर मिटटी में मिलाते हैं चलो इस जनवरी, जन जन को जगाते हैं. बैर और नफरत की दीवार को, मिलकर मिटटी में मिलाते हैं चलो इस जनवरी, जन जन को...
गलत शब्द प्रयोग करें तो होती है बड़ी निराशा। गलत शब्द प्रयोग करें तो होती है बड़ी निराशा।
मेरे मुल्क़ में फिर से पैदा हों गाँधी, भगत, और आज़ाद। इंकलाब जिंदाबाद ! मेरे मुल्क़ में फिर से पैदा हों गाँधी, भगत, और आज़ाद। इंकलाब जिंदाबाद !
आंसू मोती से अनमोल , विक्षिप्त होकर न व्यर्थ बहाओ। आंसू मोती से अनमोल , विक्षिप्त होकर न व्यर्थ बहाओ।
ये सूना पड़ा हुआ घर, घर का खाली पड़ा अहाता। ये सूना पड़ा हुआ घर, घर का खाली पड़ा अहाता।
चलते चलते ज़िन्दगी के सफर में, शायद सच्चा हमराही मिल जाए। चलते चलते ज़िन्दगी के सफर में, शायद सच्चा हमराही मिल जाए।