सलाम सैनिक
सलाम सैनिक
परास्त हूँ, विजयी हूँ,
धूमिल हूँ, कटाक्ष हूँ,
बताओ देशवासियों,
रक्त से ज़्यादा व्यक्त,
मैं अपने को कैसे करूँ।
मातृ हैं, पिता भी हैं,
मेरी एक सन्तान भी है,
मैं सब छोड़ आया हूँ,
बताओ देशवासियों
इस बलिदान के सिवा,
मैं तुम्हारे लिए क्या करूं।
न सर पे सफेद टोपी है,
न कंधे पे पिलाम्बर है,
मैं भी एक इंसान हूँ,
बताओ देशवासियों,
अपने धर्म को सिद्ध कैसे करूं।
