स्कूल की यादें
स्कूल की यादें
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स्कूल की यादें हैं कितनी सुहानी,
छिपी है इनमें कितनी कहानी।।
वो दोस्ती के सभी किस्से पुराने,
दिलाते हैं याद कितने ही फसाने।
सुबह की पहली घंटी से,
दोपहर की आखिरी घंटी तक
मस्ती से सरोबार
रहते थे सदा हम सब यार।।
दोस्ती की महक से रहता था ,
सदा खिला स्कूल का आंगन।
हंसी की खनक से गूंजता था,
हमारे स्कूल का प्रांगण।
काश! लौट आएं वो दिन
जी लें हम भी उन्हें फिर एक बार
मना लें कुछ रूठे हुए मित्रों को,
लगा लें ज़ोर से ठहाके फिर इक बार।।