प्रेम, समर्पण, भावप्रवणता से सुघड़ भविष्य निर्माण करें। प्रेम, समर्पण, भावप्रवणता से सुघड़ भविष्य निर्माण करें।
हर कतरा कतरा बचाओ मुझे बस यही तो सबको कहता रहा।। हर कतरा कतरा बचाओ मुझे बस यही तो सबको कहता रहा।।
छिप गया सूरज और रात आयी किसी तरह देख सितारा आकाश में फिर से मुस्कुराने लगी। छिप गया सूरज और रात आयी किसी तरह देख सितारा आकाश में फिर से मुस्कुराने लगी।
उस गजल को उठाया लगाया गले, बना संस्मरण फिर मैं चल पड़ी।। उस गजल को उठाया लगाया गले, बना संस्मरण फिर मैं चल पड़ी।।