श्री राधाकृष्ण प्रेम।
श्री राधाकृष्ण प्रेम।


अनंत की कथा प्रेम अनंत
निसिम प्रेम जाने साधु संत
भक्ति प्रेम ही भगवंत
जाने राधाकृष्ण प्रेम वहीं, भाग्यवंत
प्रेम न्यारा श्री राधाकृष्ण का
पावन भक्त और भगवान का
श्रीकृष्ण के मुख में श्री राधे राधे
श्रीराधे के मन में कृष्ण कृष्ण प्यारे
दोनों का प्रेम अद्भुत था
स्वयम रुक्मिणी जी का अनुभव था
श्री राधे के दिल में चरण कृष्ण के
श्री कृष्ण के ह्रदय में चरण राधे के
दोनों का प्रेम, एक प्राण दो देह
दोनों का अनुपम भक्ति यह स्नेह
राधा के श्रीकृष्ण सबकुछ थे
भूलो नहीं, ये जन्म जन्मांतर के
सांवला सलौना रूप शाम का
मुरली की तान, ये बन आकृष्ट का
आत्मा आत्मा का मीलन
प्रेम, आदर्श का सुंदर उदाहरण
इस प्रेम को वर्णन करते करते
साधु संत थक थक से गये
हम अज्ञानी क्या बखान करें गे?
कृपा उनकी बूंद में सागर, याद दिलायेंगे।