शिव शंकर
शिव शंकर
शिव ही पूजा
शिव ही ध्यान है
पार्वती संग विराजे
शिव कैलाश पर्वत
उनका धाम है
कंठ में नाग
जटाओं से बहती
गंगा धार हैं
कहते डमरू धारी
कपाल में चन्द्रमा
शोभायमान है
सृष्टि विनाशक
ललाट में त्रिनेत्र है
बेल, धतूरा विष का प्याला प्रिय उनको
बैल पर विराजमान है
त्रिशूल धारी, नाग धारी
भोले जिनका नाम है।