शिकार
शिकार
मेरे बच्चों
नहीं भेज रही
मैं तुम्हें जंगल
आखेट खेलने और
शिकार करना सिखाने
फिर भी किसी
अनचाहे युद्ध से
बचने की शिक्षा तो
तुम्हें देनी ही पड़ेगी
नहीं बच सकते
तुम इनसे कभी
लड़ना पड़ेगा तुम्हें
अब भी
युद्ध हर मोर्चे पर
कदम-कदम पर
इतिहास में कोई भी
सभ्यता
नहीं रही इतनी सभ्य
कि छोड़ दिया हो
उसने युद्ध करना
पर अब बहुत मुश्किल
हो गया है
भेद पाना
मित्र और शत्रु में
मैं अनुमति देती हूं तुम्हें
भूल कर सभी रिश्ते
भेदो, प्रहार करो,
छलनी कर दो
मेरा सीना अपने
शब्द-बाणों से
हम वाकयुद्ध करेंगे
मित्र के भेष में
शत्रु बनकर
ताकि तुम न हो
जाओ शिकार
निकल कर किसी
बीहड़ शहर में।