शहीदों की याद में
शहीदों की याद में
स्वतंत्र संग्राम का वो खुशनुमा माहौल था
कोई खेल रहा था खून की होली
तो कोई झेल रहा था सीने में दुश्मनों की गोली
आज हमने आजादी पायी है
क्योकिं शहीदों ने हमें जिंदा रखा है।
रात थी तुफानीऔर बरसता
पानी दीप सारे बुझ गये
कुछ अंधेरे में समा गये
फिर भी जवानों ने हिम्मत ना हारी
देख संकट का काल आया
बहुत भुचाल कुछ चले गये
साथ हमारा छोड़ केआज हमने
आजादी पायी हैं क्योंकि शहीदों ने
हमे जिंदा रखा है।
खुद ऐसे खो गये पल में अदृश्य हो गये
इस धरा को छोड़ के निकल पड़े
वो देने अपनी कुर्बानी आज हमने
आजादी पायी है क्योंकि
शहीदों ने हमे जिंदा रखा है।