शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
कौन आया जगत में,
ना वापिस गया।
जो भी आया जगत में,
वो आके गया।।
यहां भगवन भी आए हैं,
लीला करी।
लीला करके उन्हें भी तो,
जाना पड़ा।।
कौन आया...
राजा आये यहां,
जीती त्रिलोकी भी।
बाद में उनको भी तो है,
जाना पड़ा।।
कौन आया...
धन की ढेरी पे बैठे,
जो आके इधर।
हाथ खाली उन्हें भी तो,
जाना पड़ा।।
कौन आया...
काम आती नहीं है,
चतुराई भी।
जो चतुर थे उन्हें भी तो,
जाना पड़ा।।
कौन आया...
