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Vijay Kumar parashar "साखी"

Abstract

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Vijay Kumar parashar "साखी"

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सबसे अच्छा सखा

सबसे अच्छा सखा

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वक्त मेरा सबसे अच्छा सखा है , बाकी हर कोई यहां पे बेवफ़ा है

वक्त पर गर में कुछ न बनता तो,ये ज़माने वाले कर देते मुझे दफ़ा हैं

मतलब के लिये लोग बोलते है,बेमतलब लोग मुँह नहीहीं खोलते हैं,

स्वार्थ न हुआ पूरा लोग हुए ख़फ़ा है तू ना कोई उम्मीद कर किसी से,

हर कोई यहां पे स्वार्थ में गिरा है जिस पे बहुत ही भरोसा करते है वही देता हमे सीने पे निशाँ है

सही वक्त पर तू सही कर्म कर अपने लक्ष्य को ऐसे तू पास कर

समय पर चलनेवालों को ये वक्त देता सही फ़लसफ़ा है !


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