सैनिक – 2
सैनिक – 2


गर्व से फूली होगी रूह बंदूक की
और धीरे से मुस्का कर बोली
कर्म बहुत अच्छे थे मेरे
जो हाथ आई में हिंद सेना की।
वादा किया है तो निभाऊंगा
दुश्मनों से डरूंगा नही डराऊंगा
अपने लहू से सींच कर झंडा लहराऊंगा
तिरंगा हतेली पर लेकर या उसमें लिपट कर
घर वापस जरूर आऊंगा।
शब्द चीख कर कह रहे है
नाम उनके इतिहास में जरूर है
पर वह हमारा भविष्य लिख रहे है।