माँ
माँ
समुद्र से गहरा है दिल,
स्वार्थ भावना का मिलना है मुश्किल।
ऊँचाइयों को छू सकें इतना सफल बनाती है,
जमीं पर रह कर उड़ना सिखाती है।
मुश्किलों के साथ बढ़ना सिखाती है,
और सफलता के सीढ़ी पर चढ़ना भी
सिखाती है।
रहता है हमेशा चेहरे पर मुस्कान,
पर उसके पीछे कितने चिंताओं का बसेरा है
उसका लगा न पाए कोई अनुमान।
जिसने बचपन में चलना सिखाया,
उसे दुःख देकर कोई सुख फल न पाया।
जो दूसरों को बिना कुछ कहे समझ जाती है,
वो अपने भाव कह कर भी नहीं समझा पाती है।
आँचल की ख़ुशियों को बच्चों पर लुटाती है,
बच्चों को प्यार से कई नाम से बुलाती है।
जवाब सारे है उनकी शरण में,
बस एक बार माथा टेक दो उनकी चरण में।
