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Sudhir Srivastava

Abstract

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Sudhir Srivastava

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साली संग होली के रंग

साली संग होली के रंग

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रंगों के बीच होली की

दिल के बीच साली की,

बात ही निराली है।

घनघोर घटाओं में

जब चढ़े हों बादल,

तब रंग होली की

और संग साली की

बात ही निराली है।

मिटा के दूरियां

इंसान जब खड़े होंगे,

रंग होली का लिए

साली से भिड़े होंगे।

ऐसे में होली की

और संग साली की

बात ही निराली है।

लिए जूतियां

पत्नी जब फिर रही होगी,

देख साली के संग

जल भुन रही होगी।

ऐसी घरवाली की

संग में साली की

और रंग होली की

बात ही निराली है।


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