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VIPIN KUMAR TYAGI

Abstract

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VIPIN KUMAR TYAGI

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साहित्य समाज का दर्पण

साहित्य समाज का दर्पण

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साहित्य समाज का दर्पण है,

साहित्य ही है अच्छे समाज की नीव,

साहित्य बनाता है सभ्य समाज,

साहित्य रखता है अर्थव्यवस्था की नीव,


अच्छा साहित्य समाज को देता है अच्छे संस्कार,

खराब साहित्य रखता है बर्बादी की नीव,

अच्छा साहित्य समाज में लाता है बदलाव,

खराब साहित्य रखता है अशांति की नीव,


साहित्यकारों का बड़ा है दायित्व,

रचना करनी है अच्छे साहित्य की तथा रखनी हैं

अच्छे समाज की नीव,

अच्छा साहित्य यदि सभी भाषाओं में

हो तो रखी जाती है सभ्य विश्व के नीव,


साहित्य बनाता है आदर्श, करता है

चरित्र निर्माण व अच्छे समाज का निर्माण,

रखता है उच्च आदर्श की सभ्यता की नीव,

साहित्य समाज का दर्पण है,

साहित्य ही है अच्छे समाज की नींव।


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