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Sadhna Singh

Inspirational

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Sadhna Singh

Inspirational

रूको नहीं

रूको नहीं

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उठो ,चलो, गिरो

मगर

रूको नहीं, रूको नहीं!


हैं रास्ते यह धूल के

कंकड़ यहां ,पत्थर यहां

पर तुम कभी डिगो नहीं

रूको नहीं, रूको नहीं!


मंजिल भले ही दूर हो

बस धुंध ही चहुं ओर हो

पर तुम कभी मुड़ो नहीं

रूको नहीं ,रूको नहीं!


जो आंधियां चलें कभी

उड़ता हुआ अस्तित्व हो

पर तुम कभी डरो नहीं

रूको नहीं, रूको नहीं!!


 


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