रंगीन दुनिया
रंगीन दुनिया
रंगीन दुनिया
ये दुनिया
बहुत रंगीन है
इसमें रहना कर्म एक संगीन है
यहां
हर रंग दूसरे रंग पर चढ़कर
हावी होने की कोशिश में रहता है
बस
एक सफेद सच्चा रंग
एक कोने में दुबका रहता है
वह जानता है
वह किसी रंग को दबा ना पाएगा
कोशिश करेगा तो खुद को भी बचा ना पाएगा
मिट जाएगा उसका नामोनिशान
बस यही सोचकर हो जाता है हैरान
सब रंगों को सहजता से
अपने में समा लेने वाला
वास्तव में तन्हा है
कोई ऐसा रंग नहीं
जो खुद को मिटाकर
उसको दे पनाह
मजबूर होकर सोचता है
क्या सफ़ेद होना है कोई गुनाह?
