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Prem Lata Anand

Others

4.5  

Prem Lata Anand

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प्रेम गीत

प्रेम गीत

1 min
452


प्यार

एक एहसास है इसे महसूस करो

यह जिंदगी का नगमा है

इसे गुनगुनाओ 

और 

मौजों की रवानी महफूज करो

पर 

मानव बन बैठा है दानव

किसको व्यथा सुनाएं

भेदभाव के झूठे भ्रम में

खुद को ही भरमाएं

सामने है मंजिल, पर पांव में हैं बेड़ियां 

ग़म से तो आजाद हैं पर आबाद नहीं खुशी से

जीवन के रास्तों की पगडंडियां हैं टेढ़ियां

रंजोगम बचपन के साथी

अनदेखे, बिन पहचान के साथी

छोड़ के सारे इन झंझटों को

क्यों ना कोई मीत बनाया

वो जीवन भी कैसा जीवन

जिसने प्रेम गीत ना गाया

प्रेम गीत को जिसने गाया

उसने सब कुछ पाया

उसके ऊपर सब न्यौछावर

क्या सुख और क्या माया

कितनी जुबानें बोलें लोग हमजोली

प्यार की इस दुनिया में एक ही बोली

जो भी समझा इस भाषा को

जिंदगी उस की हो ली

प्यार को प्यार ही रहने दो

इसे कोई नाम ना देना

इस मधुर प्रवाहित प्रेम सुबह की

कभी शाम ना होने देना

कभी शाम ना होने देना ।



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