रंग
रंग
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फूलों में रंग खिला
लगते बड़े सुहाने
आवो सब गले मिलों
छोडो पिछले बहाने
काला गोरा
सभी माटी के पुतले
प्रेम से है दुनिया
दिलों का जतन करले
हीन दीन ऊंच नीच
मन का पागलपन
प्रेम से बांटो खुशी
सबसे बड़ा धन
लाल रंग का लहू
बोले एक ही भाषा
सबके दिलों से दौड़ता हूं
प्यार की अभिलाषा
हम सब भाई बहन
बाटो प्यार के रंग
मानवता का लहू सबमें
ना छेडो कोई जंग।