रिश्तों के रंग
रिश्तों के रंग
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रिश्ते
बड़े
अजीब
होते
हैं
रिश्ते
बिन
निव
के
महल
की
तरह
होते
हैं
हल्की
हवा
के
झोकों
से
भारभराकर
गिर
जाते
हैं
रिश्ते
जो
अतरंगी
होते
हैं
सागर
से
भी
गहरे
होते
हैं
रिश्ते
अक्सर
रंग
बदलते
रहते
है
इसलिए
रिश्ते
बहुरंगी
होते
है
कुछ
रिश्ते
बिन
मतलब
के
होते
है
वैसे
रिश्ते
बेरंगी
होते
हैं
रिश्ते
को
सच
में
आत्मीयता
वाला
होता
है
वो
रिश्ते
सतरंगी
होते
है
रिश्तों
से
जीवन
रंगीन
होता
है।