STORYMIRROR

Sunil Gupta teacher

Inspirational

3  

Sunil Gupta teacher

Inspirational

राष्ट्रप्रेम गीत (३२)

राष्ट्रप्रेम गीत (३२)

1 min
349

एक हाथ में तिरंगा , 

एक हाथ में दुनाली।

आगे बड़े हैं ऐसे , 

जैसे बड़ी हो काली।। 


करते सफाया दुश्मन, 

चेहरे पे रहती लाली |

 बढ़ते ही आगे आगे,

चाहे सामने हो ढाली।


मेरे वीर ऐसे ज्ञानी ,

लखते सभी कुचाली।

दुश्मन को जाके पकड़े , 

मलते चेहरे पे काली।।


मेरे वीर ऐसे पक्के , 

मिलता न खाना थाली।

बो घांस रोटी खाके ,

ठोके हैं रण में ताली।। 


मेरे वीर हैं गजब के , 

करायें मैदा खाली।

हम उनपे गर्व करते ,

वो हैं धरा के माली।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational