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Sunil Gupta teacher

Inspirational Others

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Sunil Gupta teacher

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राष्ट्रप्रेम गीत (20)

राष्ट्रप्रेम गीत (20)

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हम बंसी बजाते हैं, 

और चक्र चलाते हैं। 

तुमको जो भी भाये, 

हम तुम्हें जनाते हैं।।  


हम चाल नहीं चलते, 

चल चल के ही आते हैं।

और खड़े सामने हों, 

नजरों को मिलाते हैं।।  


कोई नीची आंख करें,

हम गले लगाते हैं। 

जो नजर हम दिखाये,

 हम आँख फुड़ाते हैं।।


जो उछल कूद करते, 

चीं - चीं भी बुलाते हैं।

जो चीं नहीं बोले, 

हम गला दबाते हैं।।

 

तुम सुधरो ओ कायर, 

हम अपनी पे आते हैं।

न वकालत कोई, 

परिणाम सुनाते हैं।।


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