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Manu Sweta

Romance

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Manu Sweta

Romance

प्यार

प्यार

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हल्की सी सरसराहट सी

होती है जब दिल में

कोई जब खुद से भी

ज्यादा भा जाए दिल में

बार बार मन करता है

कि झांककर देखा जाए दिल में


और मन कोई शरारत

करने लगे पल पल में

हवा के झोकों से

बस जाए इस दिल में


और अपनी कोई भी

सुध न रहे अगले पल में

जागते जागते ही मन

उड़ जाए दूर गगन में


ठंडी सी बयार जब

आने लगे जीवन मे

पूछती हूँ सबसे एक बार

क्या यही है प्यार


जब फूलों पर तितलियां

मंडराती है

और बसंती हवा तन को

छूकर हौले से निकल जाती है

दिल उससे मिलने को

कहता है बार बार

क्या यही होता है प्यार।


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