प्यार का इजहार
प्यार का इजहार
प्यार
प्यार होता है
यह
अनुभव में
होता है
यह
अनुभूतियों में
होता है
इसका
एहसास
धड़कनों में
सांसों में
होता है
यह
यूं ही
पता
चल
जाता है
खुद ब खुद
मूर्त देह का
रोमरोम
बता
देता है
प्रेम की
उपस्थिति को
सच्चा
प्यार
इजहार
नहीं
खोजता
यह तो
संवादहीनता
में ही
बोल देता है
प्यार
इजहार की
चीज भी
नहीं है
नजरें चेहरे
आवाज
गतिविधियां
सब
बता देती है।
