पूणि॔का
पूणि॔का
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दिल वह मेरा चुराए हुए हैं
इसीलिए सर झुकाए हुए हैं
बात उनसे करो आज कैसे
वह गले तक चढ़ाए हुए हैं
पाप पर पाप करते हैं वो ही
जो कि गंगा नहाए हुए हैं
खून का रिश्ता जिनसे है मेरा
वह भी देखो पराये हुए है
उनमें कुछ भी नहीं है निराला
बेवजह रंग जमाए हुए हैं
जो गलत काम करते रहे वो
अब उसी से लजाये हुए हैं
'प्रेम' की दोस्ती है सभी से
सब को अपना बनाए हुए हैं|