औषधि
औषधि


सर्दी-खांसी जब हो जाती
नींद हराम तब हो जाती
खाते पीते अच्छे रहते
सर्दी कैसे कब हो जाती
नाक आंख से पानी बहता
हालात ही तब अब हो ज
भीतर श्लेष्मा बढ़ जाती
जब यह सर्दी खूब हो जाती
छींकें आती हाँफी आती
अकड़न जकड़न सब हो जाती
तकलीफों से इस काया की
हालत बड़ी गजब हो जाती
जो औषधि आराम दिलाती
'प्रेम' कहे वह रब हो !