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AJAY AMITABH SUMAN

Inspirational

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AJAY AMITABH SUMAN

Inspirational

पुत्र:माँ:भाग:5

पुत्र:माँ:भाग:5

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माँ है तो चंदा मामा है,

परियाँ हैं, नटखट कान्हा है,

कभी थपकी और कभी

कानों में,

लोरी बन गीत सुनाती है,

धरती पे माँ कहलाती है।


रात रात भर थपकी देती,

बेटा सोता पर वो जगती ,

कई बार ही भूखी रहती,

पर बेटे को खिलाती है,

धरती पे माँ कहलाती है। 


जीवन के दारुण कानन में,

अतिशय निष्ठुर आनन में,

वो ऊर्जा उर में कर संचारित,

प्रेमसुधा बरसाती है,

धरती पे माँ कहलाती है।


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