परवाज़
परवाज़


तुम परवाज़ ले चुकी हो ,
तुम्हें छूना है इन ऊँचाईयों ,
तुम्हें करना है अपना लक्ष्य पूरा,
चाहें आएं कोई भी बाधाएं,
हर बाधाओं को पार कर
पहुंचना है अपनी मंज़िल तक,
बाधाएं तो कदम-कदम आएंगी
पर मन में है सच्चा विश्वास ,
तो क्या है ? मुश्किल रास्ते
तुने किया है प्रण, तो कोई मुश्किल,
रोकना सके, तेरे हौसलों को तोड़ना
सके
तू शाहीन परिंदा बन आसमानों की
ऊँचाइयों पर पहुंच।