परमात्मा
परमात्मा
अजीब खेल है उस परमात्मा का
लिखता भी वही है ,
मिटाता भी वही है....
भटकाता है राह तो ,
दिखाता भी वही है....
उलझाता भी वही है ,
सुलझाता भी वही है....
जिंदगी की मुश्किल घड़ी में
दिखता भी नहीं मगर,
साथ देता भी वही हैं !!
