*✍️Life is about creating yourself ✍️*
अजीब खेल है उस परमात्मा का लिखता भी वही है ! अजीब खेल है उस परमात्मा का लिखता भी वही है !
कितना भी बड़ा हो जाऊं पर मां मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ। कितना भी बड़ा हो जाऊं पर मां मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ।
इस कविता का संदेश - खुश रहिए, मुस्कुराते रहिए और जिंदगी में सामंजस्य बनाते रहिए... इस कविता का संदेश - खुश रहिए, मुस्कुराते रहिए और जिंदगी में सामंजस्य बनाते रहिए....